Saturday, January 28, 2023

कहूं या नहीं...!

कभी कभी जिंदगी हमें ऐसे मुकाम पर लाकर खड़ा कर देती है जहां कुछ ऐसे सवाल खड़े हो जाते जिनके जवाब ढूंढ़ना भी मुश्किल हो जाता है। और जवाब मिल भी जाए तो उनका जायज़ होना भी मुश्किल होता है।
जिंदगी ऐसे दोराहे पर लाकर खड़ा कर देती है जहां एक वो राह होती है जिसपे हमें चलना है। और दूसरी वो होती है जिसपर चलने कि हमारी इच्छा होती है। मगर इच्छा और कर्तव्य दोनों में से किसी एक को ही हमें चुनना होता है।
यदि हम कर्तव्य को चुनते हैं तो इच्छाएं अधूरी रह जाती हैं। और यदि इच्छाओं को चुनते हैं तो कर्तव्य पूरे नहीं कर पातें।

Tuesday, January 24, 2023

आधी-अधुरी बातें...!

कुछ बातें आधी-अधुरी सी, दिल में हैं। जो दिल से निकलकर कभी जुबां पर नहीं आती। ऐसी बातों को दिल में रखा नहीं जाता। मगर उन्हें कहना भी मुश्किल हो जाता है। काश जिसे ये बातें बतानी है उससे कभी कह पाऊं तो दिल को कुछ सुकून सा मिल जाए। मगर डर इस बात का है कहीं उसे खो न दूं।
दुनिया की सबसे हसीन चीज़ है प्यार। मगर कंबख्त ये तभी होता है जब होना नहीं चाहिए। और उसी से होता है जिसके मिलने कि कोई उम्मीद नहीं होती। और इसीलिए मुझे सबसे ज्यादा नफरत किसी चीज से है, तो वो है प्यार।

Monday, January 23, 2023

दिल के अरमां...।

दिल भी बड़ा अजीब है...! है तो‌ हिस्सा हमारा, मगर किसी और को चाहिए। जिसे ये चाहता है, वो इसे चाहता है या नहीं इसकि इसे कोई फ़िक्र नहीं मगर जिसे ये चाहता है उसकि बहुत फ़िक्र है।
आप जिसे चाहें वो आप कि किस्मत में नहीं और किस्मत से जो मिले वो भी आपका नहीं। देखा जाए तो दोनों ही सूरतों में आप खाली।
कभी कभी लगता है, इस दिल को निकालकर कहीं ताले में बंद कर दूं। तो कभी लगता है, बैठकर इससे थोड़ी बातें कर लूं। मगर फिर लगता है, कौन सा ऐसा ताला है जो इसे रोक पाएगा। मैं नाम अपना लूंगा और वो बात उसकी करेगा।
दिल को समझना जरूरी है, मगर किसके? यही तो सवाल है।