Monday, January 23, 2023

दिल के अरमां...।

दिल भी बड़ा अजीब है...! है तो‌ हिस्सा हमारा, मगर किसी और को चाहिए। जिसे ये चाहता है, वो इसे चाहता है या नहीं इसकि इसे कोई फ़िक्र नहीं मगर जिसे ये चाहता है उसकि बहुत फ़िक्र है।
आप जिसे चाहें वो आप कि किस्मत में नहीं और किस्मत से जो मिले वो भी आपका नहीं। देखा जाए तो दोनों ही सूरतों में आप खाली।
कभी कभी लगता है, इस दिल को निकालकर कहीं ताले में बंद कर दूं। तो कभी लगता है, बैठकर इससे थोड़ी बातें कर लूं। मगर फिर लगता है, कौन सा ऐसा ताला है जो इसे रोक पाएगा। मैं नाम अपना लूंगा और वो बात उसकी करेगा।
दिल को समझना जरूरी है, मगर किसके? यही तो सवाल है।

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